पिछले वर्षों के
प्रश्न पत्रों के आधार पर तैयारी करने के कई लाभ है:
यह आपको परीक्षा
की संरचना को समझने में मदद करता है,
जैसे कि प्रश्नों की संख्या, खंडों की संख्या,
और प्रश्नों के प्रकार (वस्तुनिष्ठ और, वर्णनात्मक
आदि)।
पिछले वर्षों के
प्रश्नों का विश्लेषण करके आप यह पता लगा सकते हैं कि किन विषयों से प्रश्न अधिक
बार आते हैं और प्रत्येक खंड को कितना महत्व दिया जाता है। इस आधार पर आप अपनी तैयारी
सही दिशा में सुनिश्चत कर सकते है।
कुछ अवधारणाएँ और
प्रश्न समय-समय पर दोहराए जाते हैं या अलग-अलग तरीकों से पूछे जाते हैं। इन
क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने से आपके अच्छे स्कोर करने की संभावना बढ़ती है।
इससे आपको उन
विषयों को प्राथमिकता देने में मदद मिलती है जो परीक्षा में अधिक आने की संभावना
रखते हैं, जिससे आप महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर
अधिक समय दे सकें।
पिछले वर्षों के
प्रश्नों को समयबद्ध तरीके से हल करके वास्तविक परीक्षा के अनुभव का अनुकरण करते
है, जिससे आप यह समझ सकते हैं कि
प्रत्येक खंड को कितना समय देना चाहिए।
नियमित अभ्यास से
आपकी गति और सटीकता दोनों में आवश्यक सुधार होता है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परीक्षा में पूछे
जाने वाले प्रश्नों के प्रकार से परिचित होने पर परीक्षा से जुड़ी चिंता कम होती
है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
हालांकि प्रश्न
हूबहू नहीं दोहराए जाते, लेकिन
पैटर्न को समझने से आप अनुमानित प्रश्नों के बारे में अधिक आत्मविश्वास महसूस करते
हैं।
पिछले वर्षों के
प्रश्न आपकी वर्तमान तैयारी स्तर को मापने के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम
करते हैं। आप अपने मजबूत और कमजोर पक्षों की पहचान कर सकते हैं।
यदि आपको कुछ
प्रकार के प्रश्नों या विषयों में कठिनाई होती है, तो आप उन क्षेत्रों में अधिक ध्यान देकर अपनी पुनरावृत्ति
को लक्षित कर सकते हैं।
पिछले प्रश्नों
का अभ्यास करके आप यह रणनीति विकसित कर सकते हैं कि कौन से प्रश्न पहले हल किए
जाएं, विशेष रूप से नकारात्मक अंकन वाली
परीक्षाओं में।
विभिन्न प्रकार
के प्रश्नों का अभ्यास करने से आप जटिल या पेचीदा प्रश्नों को पहचानने और उन्हें
हल करने में बेहतर हो जाते हैं।
पिछले प्रश्नों
को हल करने से आप उन खंडों को समझ सकते हैं जहाँ आप सामान्यतः गलतियाँ करते हैं, जिससे आप वास्तविक परीक्षा से पहले
उन्हें सुधार सकते हैं।
अतः पिछले वर्षों
के प्रश्नों को अपनी अध्ययन योजना में शामिल करने से आपकी तैयारी अधिक रणनीतिक और
केंद्रित हो जाती है, जिससे
सफलता की संभावनायें बढ़ जाती है।
अब देखते है कि
निबंध खंड में किस तरह के शिर्षक आये थे -
2017
English
Essays
(a) Democracy in India
(b) The Cleanliness Project
(c)
Environmental
Issues
(d) Villages and their problems
हिंदी
निबंध
(क)योग और जीवन
(ख)
भ्रष्टाचार
मुक्त भारत
(ग) सोशल मीडिया का प्रभाव
(घ) परिवार का बदलता स्वरुप
2018
English
Essays
(a) Digital Technology
(b) Constitutional values in the Preamble of Indian
Constitution
(c)
Caste
Inequality and Justice
(d) The Goal of Education
हिंदी
में निबंध
(क)शिक्षा का निजीकरण
(ख)
युवावर्ग
और विदेश
(ग) उपभोक्तावादी संस्कृति
(घ) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
2020
English
Essays
(a) Cyber Crime
(b) Moral Values
(c)
Students
and Politics
(d) Vocational Education
हिंदी
निबंध
(क)आजादी के सात दशक
(ख)
युवावर्ग
और बेरोजगारी की समस्या
(ग) पर्यावरण सुरक्षा में आम मनुष्य का योगदान
(घ) शिक्षा का निजीकरण
2020
English
Essays
1.
Censorship
and the Right to Freedom of Speech
2.
Public
health in a Global Pandemic
3.
Caste
Reservation and Social Justice
4.
Digital
Access and Digital Divide
हिंदी
में निबंध
1.
प्रतियोगी
परीक्षाओं का दबाव
2.
भारत
में पर्यटन की स्थिति
3.
मृत्यु
दंड सही या गतल
4.
भारत
में शुद्ध पेयजल की समस्या
2022
English
Essays
1.
Work
from home: Opportunities and Challenges
2.
An
unusual Summer vacations
3.
Afforestation
4.
Healthy
discussion is an exchange of thoughts
हिंदी
में निबंध
1.
सोशल
मीडिया मानवीय निजता का उल्लंघन है
2.
जनसंख्या
नियंत्रण कानून का औचित्य
3.
अन्तराष्ट्रीय
खेलों में भारत की बदलती छवि
4.
गांधीवाद
की प्रासंगिकता
2023
English
Essays
1.
Advantages
of Make in India
2.
Global
Warming and Green House Gas Emission
3.
World
of Advertisement
4.
If
winter comes, can spring be far behind?
हिंदी
में निबंध
1.
बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ – जागृति या नारा
2.
पर्यावरण
संरक्षण
3.
मोबाइल
फोन सुविधा या संकट
4. रुढ़िवादी विकास को बाधित करती है।