राजभाषा अधिनियम के तहत हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने और उसकी
निगरानी के लिए भारत को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: 'क', 'ख', और 'ग'। इन क्षेत्रों
का विभाजन मुख्यतः हिंदी भाषी जनसंख्या के आधार पर किया गया है। इस विभाजन का
उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त
नीतियाँ और योजनाएँ लागू करना है।
क्षेत्र 'क' (Region 'A')
यह क्षेत्र उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करता है
जहां हिंदी मुख्य रूप से बोली जाती है और अधिकांश आबादी द्वारा समझी जाती है।
इसमें शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश निम्नलिखित हैं:
1. बिहार
2. छत्तीसगढ़
3. हरियाणा
4. हिमाचल प्रदेश
5. झारखंड
6. मध्य प्रदेश
7. राजस्थान
8. उत्तर प्रदेश
9. उत्तराखंड
10. दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र)
क्षेत्र 'ख' (Region 'B')
इस क्षेत्र में वे राज्य शामिल हैं जहां हिंदी का प्रयोग कुछ हद तक
किया जाता है और लोग इसे समझते हैं, लेकिन यह प्रमुख भाषा नहीं है। इसमें
निम्नलिखित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आते हैं:
1. गुजरात
2. महाराष्ट्र
3. पंजाब
4. चंडीगढ़
5. दमन और दीव
6. दादरा और नगर हवेली
7. राजस्थान
8. हरियाणा
9. हिमाचल प्रदेश
10. उत्तराखंड
11. जम्मू और कश्मीर
क्षेत्र 'ग' (Region 'C')
इस क्षेत्र में वे राज्य शामिल हैं जहां हिंदी का प्रयोग बहुत कम
होता है या नहीं होता है। इस क्षेत्र में अन्य भारतीय भाषाएँ प्रमुखता से बोली
जाती हैं। इसमें निम्नलिखित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आते हैं:
1. आंध्र प्रदेश
2. अरुणाचल प्रदेश
3. असम
4. गोवा
5. कर्नाटक
6. केरल
7. मणिपुर
8. मेघालय
9. मिज़ोरम
10. नागालैंड
11. ओडिशा
12. पुडुचेरी
13. सिक्किम
14. तमिलनाडु
15. त्रिपुरा
16. पश्चिम बंगाल
17. तेलंगाना
राजभाषा नीति का उद्देश्य