PATNA HIGH COURT ASSIGNMENT – 1

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It is submitted on behalf of the petitioners (1) that due to mistake of facts petitioners have falsely been implicated (2) in this case. As a matter of fact, the name of the petitioner No. 2 is Ruhi Devi and she being an old aged and illiterate lady of 65 years, sometime tells her name as Reshmi Devi or sometime as Savitri Devi but she never impersonated (3) someone else as alleged (4) by the informant (5) in the FIR (6). The Petitioner No. 2 had executed (7) a deed of gift (8) in favour of the petitioner No. 1 with respect to total land measuring 10 Kathas pertaining to Khata No. 4, Plot No. 2, measuring 9 Katha 13 Dhurs and also the land in question bearing Khata No. 5, Plot No. 201, measuring 7 dhurs. It is pointed out that, the aforesaid (9) 7 dhurs of land, relating to Khata No. 5, Plot No. 201 had been mentioned in gift deed No. 0001 dated 05.03.1982 due to some misconception (10) and on realizing the mistake, the petitioner No. 1 executed a deed No. 00034 dated 26.08.1990 in favour of the petitioner No. 2 Ruhi Devi and neither the petitioner No. 1 nor the petitioner No. 2 makes any claim (11) over the land in question relating to the informant.

 

विधि शब्द संकेत (मूल शब्द के)–

1. याचिकाकर्ता या प्रतिवादी या अर्जीदार

2. फँसाना

3. कोई होने का बहाना करना

4. आरोप लगाना

5. सूचनाकर्ता या मुखबीर

6. प्राथमिकी

7. निष्पादित करना

8. उपहार विलेख या गीफ्ट डीड

9. पूर्व कथित

10. गलतफहमी

11. दावा

Solution: -

याचिकाकर्ताओं (प्रतिवादियों) की ओर से प्रस्तुत किया गया है कि तथ्यों की गलती के कारण याचिकाकर्ताओं को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वास्तव में, याचिकाकर्ता नंबर 2 का नाम रूही देवी है और 65 साल की एक वृद्ध और अनपढ़ महिला होने के कारण, वह कभी अपना नाम रेशमी देवी या कभी सावित्री देवी बताती है, लेकिन उसने कभी भी कोई और होने की बात नहीं की जैसा कि प्राथमिकी में सूचनाकर्ता के द्वारा आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता संख्या 2 ने याचिकाकर्ता संख्या 1 को 9 कट्ठा वाला जमीन जिसका खाता संख्या 4, प्लॉट संख्या 2, 13 धुर वाला है और साथ ही विवादित भूमि खाता संख्या 5, प्लॉट संख्या 201, और जो 7 धुर वाला है के संबंध में कुल 10 कट्ठा भूमि दान में दिया था। यह बताया गया है कि खाता संख्या 5, प्लॉट संख्या 201 के संबंध में उपरोक्त 7 धुर भूमि को 05.03.1982 की उपहार विलेख (गीफ्ट डीड) संख्या 0001 में कुछ गलतफहमी के कारण संदर्भित किया गया था और गलती का एहसास होने पर, याचिकाकर्ता संख्या 1 ने याचिकाकर्ता संख्या 2 रुही देवी के नाम से 26.08.1990 की विलेख संख्या 00034 को निस्पादित किया था और इस तरह से सूचनाकर्ता से संबंधित विवादित भूमि पर न तो याचिकाकर्ता संख्या 1 और न ही याचिकाकर्ता संख्या- 2 कोई दावा करते हैं।