किसी भी बात को थोड़े शब्दों में लिख
डालना ही संक्षेपण कहलाता है। प्रश्न उठता है कि कितने शब्दों में लिख डालना पड़ता
है? उत्तर है - दिए गए उद्धरण में प्रयुक्त कुल शब्दों की संख्या का एक तिहाई। अर्थात्,
यदि दिए गए उद्धरण में कुल शब्द 300 है तो उस उद्धरण का संक्षेपण 100 शब्दों में
लिख डालना पड़ता है। तय शब्द सीमा से 8-10 शब्द कमोबेश हो सकता है। संक्षेपण कर
लेने के बाद विषयवस्तु को देखते हुए उसे एक उचित शिर्षक देना होता है। शिर्षक
जितना सटीक हो उतना अच्छा होता है।
संक्षेपण में सिर्फ और सिर्फ प्रासंगिक
बातों का ही जिक्र किया जाता है। शब्द समूहों की पहचान करके एक शब्द का प्रयोग किया
जाना चाहिए। काफी सारे आंकड़ों में कुछ ही आंकड़ों का प्रयोग किया जाना चाहिए
जिससे विषय-वस्तु को आवश्यक बल प्राप्त हो।
संक्षेपण के लिए आवश्यक है कि आपके पास
आवश्यक ग्राह्य शक्ति हो जिससे कि आप दिये गये उद्धरण को समझ सकें। इसके बाद आपके
पास आवश्यक व्याकरण का ज्ञान हो जिससे आप समझकर अपने शब्दों में ग्राह्य बातों को लिख
सकें। ऐसा तभी किया जा सकता है यदि आप यथेष्ट संख्या में अभ्यास कर लेते है। स्मरण
रखें कि अन्यान्य विषयों का यथोचित ज्ञान अपेक्षित है। खूब पढ़ें, समझें, विश्लेषण
करें और उन विषयों पर चर्चा-परिचर्चा करें। इस खण्ड में आप अवश्य अच्छा कर
पायेंगे।
निम्नलिखित प्रारुप को देखें। यहाँ एक
अनुच्छेद है। इसे अच्छी तरह से पढ़ें, समझें और इसका संक्षेपण करें। एक उचित
शिर्षक भी अवश्य दें। हलांकि हल भी दे दिया गया है। अपने उत्तर को दिए गए उत्तर से
मिलान कर लें।
भारत
की यूपीआई प्रणाली एक इंटरऑपरेबल भुगतान प्रणाली है जो इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को
आसान और सुविधाजनक बनाती है। यह एक मोबाइल-आधारित प्रणाली है जो बैंक खातों को
जोड़ती है और लेनदेन को तेज और सुरक्षित बनाती है। यूपीआई प्रणाली को भारतीय
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया
गया है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समर्थित है। यह 2016
में शुरू की गई थी और तब से यह भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल
भुगतान विधि बन गई है। यूपीआई प्रणाली का उपयोग करना बहुत आसान है। प्रयोगकर्ताओं
को केवल अपने बैंक खाते को एक मोबाइल ऐप से जोड़ने की आवश्यकता होती है और फिर एक UPI
ID बनाना होता है। एक बार यह हो जाने के बाद, वे
किसी भी अन्य यूपीआई उपयोगकर्ता को पैसे भेज या प्राप्त कर सकते हैं। यूपीआई
प्रणाली सुरक्षित है क्योंकि यह दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का
उपयोग करती है। 2FA में एक उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड और एक एकल-उपयोग प्रमाणपत्र (OTP) होता है
जो उपयोगकर्ता के मोबाइल पर भेजा जाता है। यूपीआई लेनदेन आमतौर पर अन्य डिजिटल
भुगतान विधियों की तुलना में कम खर्चीले होते हैं। यह भारत में डिजिटल भुगतान को
व्यापक रूप से अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है इसके आर्थिक विकास और
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में भी योगदान दे रहा है।
शब्द
– 211
शिर्षक
– यूपीआई प्रणाली – प्रयोग और भूमिका
2016 में शुरु की गई भारतीय यूपीआई प्रणाली
मोबाइल-आधारित एक त्वरीत, आसान और सुरक्षित भुगतान प्रणाली है जो भारतीय राष्ट्रीय
भुगतान निगम द्वारा विकसित और आरबीआई द्वारा समर्थित है। प्रयोगकर्ता
अपने मोबाइल में इसके ऐप के माध्यम से यूपीआई आईडी बनाकर सुरक्षित रुप से 2FA का प्रयोग कर कम खर्च में पैसे का लेन-देन कर सकते है। यह डिजिटलीकरण और
वित्तीय समावेशन करके भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही है।